कल अगर मैं, ग़ुम हो जाऊं
ग़ुम हो जाऊं ,
तो मुझे ढूंढना
अपनी शर्ट के बटन में
जिन्हें लगाते ही एहसास होगा तुम्हें
मेरे आलिंगन का।
अगर ढूंढने आओ
तो ढूंढना
उन पहाड़ों के मुहाने पर
जहां अब भी कैद हैं
तुम्हारे मीठे गीत।
क्या पता उन्हें सुनती हुई
मिल जाऊं मैं तुम्हें
खिली हुई फ्योली की तरह।
कल अगर मैं
ग़ुम हो जाऊं ,
तो मत पुकारना मेरा नाम
किसी और की दी हुई चीज़
नहीं संभाल पाउंगी
अपने ग़ुम होने के बाद।
- प्रियंका
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