आँखों में बादल लिये
इंतज़ार करती हैं
मेरे आने पर बोसा
इंतज़ार करती हैं
मेरे आने पर बोसा
बहार करती हैं
प्यारी सी गुड़िया वो
ठुम - ठुम चलती हैं,
प्यारी सी गुड़िया वो
ठुम - ठुम चलती हैं,
दूधते हुए वो पगली
मल्हार गाती है।
मल्हार गाती है।
इकलौती अपनी चिमनी मे
दो चाँद बनाती है
चूल्हे की खुशबू से सनकर
मुझको खिलाती है।
दो चाँद बनाती है
चूल्हे की खुशबू से सनकर
मुझको खिलाती है।
टेढ़ी मेढ़ी झुर्रियों से
यादें हज़ार चुनती हैं
यादों के किस्सों का
थपकाव करती हैं।
यादों के किस्सों का
थपकाव करती हैं।
छोटी सी पुड़िया वो मेरी
पहाड़ों में खेली है
हलकी सी मेरी छींक पर
नज़र उड़ेली है।
जुग जुग के आशीष संभाले
मेरा इंतज़ार करती हैं
मेरी दादी नन्ही सी
बोसा बहार करती हैं।
मेरी दादी नन्ही सी
बोसा बहार करती हैं।
प्रियंका गोस्वामी
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