जब हाथ तले मेरे चंदा था
उस धुंए धुनकती रैना में
तेरा रोशन चेहरा याद आया
जब हाथ तले मेरे चंदा था
वो रैन बसेरा याद आया।
जब याद करूँ तो तुम चुपके
चुपके से बाद मुस्का देना
मैं भी धड़कन को थामूंगी
तुम एक झलक दिखला देना
तेरी अल्हड अटखेली में
वो दिन का ढ़लना याद आया
जाते जाते पल भर में
वो मुड़कर तकना याद आया
जब हाथ तले मेरे चंदा था
वो रैन बसेरा याद आया।
प्रियंका गोस्वामी
प्रियंका गोस्वामी
उस धुंए धुनकती रैना में
तेरा रोशन चेहरा याद आया
जब हाथ तले मेरे चंदा था
वो रैन बसेरा याद आया।
जब याद करूँ तो तुम चुपके
चुपके से बाद मुस्का देना
मैं भी धड़कन को थामूंगी
तुम एक झलक दिखला देना
तेरी अल्हड अटखेली में
वो दिन का ढ़लना याद आया
जाते जाते पल भर में
वो मुड़कर तकना याद आया
जब हाथ तले मेरे चंदा था
वो रैन बसेरा याद आया।
प्रियंका गोस्वामी
प्रियंका गोस्वामी
बहुत ही उम्दा कविता...........ऐसे ही लिखती रहो.........
ReplyDelete