लड़की का पैजामा....
उसे उस छोटे शहर में
आये अभी ठीक- ठीक शायद एक हफ्ता ही हुआ होगा | नौकरी इंसान को कहाँ नहीं फेंक देती
वरना दिल्ली और मुंबई से पढ़ी इस लड़की ने कभी नहीं सोचा होगा कि वो यहाँ रहेगी |
यहाँ जहाँ अकेली लड़की को कमरा देने में सब नाक भौं सिकोड़ते हैं और अगर दे भी दे तो
उसे अपनी प्रॉपर्टी समझेंगे| उसे भी आज तक समझ नहीं आया कि अकेली लड़की का हर आदमी
बाप बनने की क्यों कोशिश करता है ? फिर चाहे वो बॉयफ्रेंड हो, भाई हो या मकान
मालिक... जैसे लड़की के पास खुद का कोई दिमाग ही नहीं है ? कोई इच्छा नाम की चीज ही
नहीं है |
खैर वो एक ऐसे शहर
में थी जहाँ वो धुले कपडे बाहर नहीं सुखा पाती थी क्योंकि उसकी जींस, स्कर्ट्स और
निक्कर मकान मालकिन को परेशान कर देती थी | क्या करे बेचारी घर के पुरुषों की नज़र पड़
जाएगी तो उसके लिए कितना शर्मनाक होगा... वही घर के पुरुष जो दिन दहाड़े चू**या,
माद*** और बहन को धन्य करने वाली गलियां बकते हैं | लेकिन इस लड़की की एक चीज ने
बहुत हल्ला मचाया हुआ था | वो चीज थी लड़की का पैजामा.... “अरे बहिन कैसी लड़की को रखा है तुमने सुबह जाती है
तो जीन्स चढ़ा के पर ऑफिस से आते-आते वो पैजामे में कैसे बदल जाता है ?” पड़ोसन अक्सर बात यहीं से शुरू करती थी और दूसरे
कुछ इस तरह मजे लेते थे “अरे इसमें सवाल क्या पूछना तुम्हे नहीं पता कि पैजामा घर से बाहर किस काम के
लिए बदला जाता है ? देखा नहीं है वापस आती है तो कैसे लचक लचक के चलती है | बेचारी
कि पतलून खराब हो जाती होगी इसलिए”... “अरे चुप काहे की बेचारी ?? ये सही कहते थे बड़े शहरों की लड़कियां नौकरी के लिए
अगर अपना घर बार छोड़ सकती हैं तो फिर कुछ भी कर सकती हैं | आने दो आज इसे”...उसके आने तक बाकि सब लोग भी वही बेठे होते
हैं | किसी को नंगा देखने की आदत हमारे समाज में बहुत आम जो ठहरा |
थोड़ी देर में लड़की
आती है.. “नमस्ते आंटी”... “ये पैजामा क्यों पहना है ? कहाँ उतार के आती है अपने कपडे ? चाल भी बिगड़ी हुई रहती है ..तुम जैसी लड़कियों
के आने से हमारे शहर में गन्दगी फैलती है....छी....
लड़की डबडबाई हुई आँखों
से अपना पैजामा घुटने तक ऊपर करती है और दिखाती है एक निशान...”मेरा दो महीने पहले एक्सीडेंट हुआ था पैर में
वायर लगी है.. रोज शाम को फिजियोथेरेपिस्ट के पास एक्सरसाईज के लिए जाना होता है
जिसके बाद दर्द से चला नहीं जाता..जीन्स या पेंट में दिक्कत होती है इसलिए पैजामे
में...” इतना कह के वो बड़े शहर की बिगड़ी लड़की टूट के रो पड़ती है और मर्यादा का समाज खुलेआम
बगल वाले घर से आने वाली माँ बहन की गाली सुनता है |

I loved it. !!! nyc one. (y) #ma'am
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