यहाँ सुनने वाला बहरा सा क्यों है ?
यहाँ हर सुनने वाला बहरा सा क्यों है ?
जिस शोर को सुनती हूँ
उसमे सन्नाटा सा क्यों है ?
खुद को जलाया सान्झो सेहर में
फिर भी उजाला अँधेरा सा क्यों है ?
ये हैं रास्ते या सफ़र सा है कोई
यहाँ हर मुसाफिर छलावा सा क्यों है ?
यूँ तो कहता है वो
कि मुहब्बत है मुझसे
पर उसका होना ना होना सा क्यों है ?
तुम्ही अब ठहर कर ये माजरा बताओ
यहाँ हरेक लाश पर मुस्कान क्यों है ?
यहाँ सुनने वाला बहरा सा क्यों है ?
जिस शोर को सुनती हूँ
उसमे सन्नाटा सा क्यों है ?
खुद को जलाया सान्झो सेहर में
फिर भी उजाला अँधेरा सा क्यों है ?
ये हैं रास्ते या सफ़र सा है कोई
यहाँ हर मुसाफिर छलावा सा क्यों है ?
यूँ तो कहता है वो
कि मुहब्बत है मुझसे
पर उसका होना ना होना सा क्यों है ?
तुम्ही अब ठहर कर ये माजरा बताओ
यहाँ हरेक लाश पर मुस्कान क्यों है ?
यहाँ सुनने वाला बहरा सा क्यों है ?
vow its gud :)
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