अधूरा रास्ता
मकान खड़े हैं कर दिए...
पर घर कैसे बनाएं इसका
जवाब नहीं मिलता.....
बच्चे सो जाते हैं अक्सर
ख्वाबों के तकिये पे,
दादी की कहानी सुनने का
आराम नहीं मिलता.......
चल पड़ते हैं इम्तिहानों में
आंखें सुजाये हुए
पर दही चीनी खिलाने का
पैगाम नहीं मिलता.......
मिल जाती है कुछ नौकरियां
उन बड़े ठिकानों पर.
लेकिन वहां का बंधुआ
आज़ाद नहीं मिलता....
बन जाती हैं कुछ डोलियाँ
आज भी दुकानों में
पर उन्हें कान्धा देने वाला
कहार नहीं मिलता.....
वो आज ठोकर मारते हैं
अपने ही गाँव को
और आखिरी पल उनको ही
शमशान नहीं मिलता ....
आज कलम ये चल पड़ी
एक नए से पन्ने पे
लेकिन यहाँ किसी किताब को
इनाम नाम नहीं मिलता ........
priyanka goswami
priyanka goswami
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